Cultural and Educational Rights | संस्कृति तथा शिक्षा संबंधी अधिकार
संस्कृति तथा शिक्षा संबंधी अधिकार
(Cultural and Educational Rights)
आज हम भारतीय संविधान के एक अन्य महत्वपूर्ण मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) के बारे में पढ़ने वाले हैं जो कि संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (Cultural and Educational Rights) है। मौलिक अधिकार का भारतीय संविधान में महत्वपूर्ण स्थान है अन्य मौलिक अधिकारों की तरह ही यह मौलिक अधिकार संस्कृति तथा शिक्षा संबंधी अधिकार (Cultural and Educational Rights) भी नागरिकों को प्राप्त एक महत्वपूर्ण अधिकार है।
तो चलिए जानते हैं कि संस्कृति तथा शिक्षा संबंधी मौलिक अधिकार (Cultural and Educational Rights) किस अनुच्छेद में है और इसके अंतर्गत नागरिकों को कौन से अधिकार दिए गए हैं ।
संस्कृति तथा शिक्षा संबंधी अधिकार (Cultural and Educational Rights)
हम सभी जानते हैं कि भारत में विभिन्न संस्कृति के लोग रहते हैं सभी की संस्कृतियाँ अलग अलग है और सभी अपने संस्कृति की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं ठीक इसी तरह से भारत में शिक्षा को लेकर भी विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं हैं।
भारत में स्वतंत्रता के बाद से शिक्षा को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है स्वतंत्रता के बाद से यह लक्ष्य रखा गया कि भारत के प्रत्येक नागरिकों का तथा प्रत्येक वर्ग के नागरिकों का शिक्षित होना आवश्यक है। इसी के संबंध में भारतीय संविधान द्वारा अल्पसंख्यक वर्गों की संस्कृति, भाषा और लिपि की रक्षा के लिए अधिकार बनाए गए है।
जिसका समावेश भारतीय संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 के अंतर्गत संस्कृति तथा शिक्षा संबंधी अधिकार (Cultural and Educational Rights) कानून बना कर किया गया है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 के अंतर्गत भारत के सभी नागरिकों को उनकी संस्कृति और शिक्षा के संबंध में अधिकार (Cultural and Educational Rights) प्रदान किए गए हैं । इस संबंध में की गई व्यवस्था इस प्रकार है –
1. अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी भाषा लिपि और संस्कृति की रक्षा का अधिकार (Minorities have the right to protect their language, script and culture)
2. अल्पसंख्यक वर्गों को शिक्षण संस्थाओं की स्थापना का अधिकार (Minorities have the right to establish educational institutions)
अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी भाषा लिपि और संस्कृति की रक्षा का अधिकार (Minorities have the right to protect their language, script and culture)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 29 के द्वारा नागरिकों के प्रत्येक वर्ग को अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति को सुरक्षित रखने का अधिकार दिया गया है।
साथ ही यह भी कहा गया है कि राज्य की सहायता से चलने वाले शिक्षण संस्थाओं में मौलिक धर्म, वंश, लिंग और जाति के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा।
साथ ही नागरिकों के प्रत्येक वर्ग को अपनी भाषा, लिपि तथा संस्कृति की रक्षा का पूर्ण अधिकार होगा तथा वह अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए न्यायालय की शरण भी ले सकते हैं। राज्य द्वारा भी नागरिकों के अधिकार में कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।
अल्पसंख्यक वर्गों को शिक्षण संस्थाओं की स्थापना का अधिकार (Minorities have the right to establish educational institutions)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 30 के द्वारा भारत के सभी अल्पसंख्यक वर्गों को उनकी रूचि के अनुसार शिक्षण संस्थाओं की स्थापना का अधिकारी दिया गया है तथा साथ ही उसके प्रशासन का भी अधिकार दिया गया।
यह भी व्यवस्था की गई है कि शिक्षण संस्थाओं को चलाने के लिए दिए जाने वाले अनुदान को देने में राज्य द्वारा किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा।
यह भी उल्लेखनीय है कि यद्यपि संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार की श्रेणी से हटा दिया गया है परंतु अनुच्छेद 30 के द्वारा किए गए प्रावधानों के अंतर्गत अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं की संपत्ति को अभी मौलिक अधिकार का दर्जा प्राप्त है।
तो आज हमने एक और महत्वपूर्ण मौलिक अधिकार के बारे में पढ़ा है अब आगे हम संविधान की आत्मा कहे जाने वाले आखरी मौलिक अधिकार के बारे में पढ़ेंगे। तब तक आप अपनी तैयारी करते रहिये हम आपके लिए study से related post लाते रहेंगे।
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