Emergency Powers of the President | राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियां Part -1
राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियां
(Emergency Powers of the President)
अब तक हमने राष्ट्रपति की सामान्यकालीन शक्ति के बारे में पढ़ा है आज हम राष्ट्रपति की आपातकालीन (Emergency) शक्तियों के बारे में पड़ेंगे और जानेंगे कि राष्ट्रपति के पास कौन-कौन सी आपातकालीन शक्तियां हैं? हम जानेंगे कि राष्ट्रपति को दी गई आपातकालीन शक्तियां किस अनुच्छेद में है तथा राष्ट्रपति उनका प्रयोग किस प्रकार करते हैं?
Emergency powers given to the President (राष्ट्रपति को दी गई आपातकालीन शक्तियां)
भारत के राष्ट्रपति को बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य करने होते हैं। राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है तथा सभी महत्वपूर्ण शक्तियां उसी को प्राप्त होती हैं। राष्ट्रपति को दी गई आपातकालीन शक्तियों का वर्णन हमारे संविधान में है तथा 44 संवैधानिक संशोधन 1979 के द्वारा की गई व्यवस्था के अनुसार राष्ट्रपति को तीन प्रकार की शक्तियां दी गई हैं। राष्ट्रपति को दी गई आपातकालीन शक्तियां इस प्रकार है-
- राष्ट्रीय आपातकाल
- संवैधानिक आपातकाल
- वित्तीय आपातकाल
National Emergency (राष्ट्रीय आपातकाल)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अंतर्गत राष्ट्रपति को युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति से संबंधित संकटकालीन शक्तियां प्रदान की गयी है। संविधान के इस अनुच्छेद के अंतर्गत यदि राष्ट्रपति को यह अनुभवों हो की युद्ध, बाहरी आक्रमण या फिर आंतरिक विद्रोह या अशांति के कारण भारत या उसके किसी भाग पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा या फिर राष्ट्रपति को इसके द्वारा किसी तरह के भय की आशंका रहती है तो ऐसी स्थिति में वह अपनी इस शक्ति का प्रयोग करता है।
इस व्यवस्था के अंतर्गत जब राष्ट्रपति को यह विश्वास हो जाता है कि भारत की सुरक्षा पर संकट आन पड़ी है तो वह राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करता है। परंतु यह आवश्यक है कि राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने के लिए युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति से संबंधित संकट ही उत्पन्न हो।
राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने के लिए राष्ट्रपति को मंत्रिमंडल से लिखित सिफारिश की आवश्यकता पड़ती है। जब मंत्रिमंडल राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने के लिए लिखित में सिफारिश देती है तभी राष्ट्रपति आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं।
केवल आंतरिक अशांति के नाम पर राष्ट्रपति द्वारा आपातकाल की घोषणा नहीं की जा सकती। आपातकाल की घोषणा हो जाने के बाद इसे लागू रखने के लिए एक माह के अंदर संसद के दोनों सदनों के विशेष बहुमत से इसकी स्वीकृति करानी आवश्यक होती है तथा एक बार आपातकाल की घोषणा हो जाती है तो यह 6 माह की अवधि के लिए जारी रहती है इसकी अवधि बढ़ाने के लिए प्रत्येक छह माह पर विशेष बहुमत से स्वीकृति कराई जाती है।
Effect (प्रभाव)
राष्ट्रीय आपातकाल का प्रभाव हमें मौलिक अधिकारों पर देखने को मिलता है। संविधान के अनुच्छेद 358 के अंतर्गत की गई व्यवस्था के अनुसार राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा होने पर मूल अधिकारों में वर्णित अनुच्छेद 19 में दी गई सभी स्वतंत्रता अपने आप ही समाप्त हो जाती हैं। इसके साथ ही यह भी व्यवस्था है कि आपातकाल की स्थिति में नागरिकों द्वारा मूल अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायालय की शरण नहीं ली जा सकती।
44 में संवैधानिक संशोधन में की गई व्यवस्था के अनुसार अनुच्छेद 359 के द्वारा यह व्यवस्था है कि राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान मूल अधिकारों में वर्णित अनुच्छेद 20 और अनुच्छेद 21 में दी गई स्वतंत्रताओं को छोड़कर राष्ट्रपति मूल अधिकारों में वर्णित सभी स्वतंत्रताओं को निष्प्रभावी कर सकता है। आपातकाल की स्थिति में भी अनुच्छेद 20 और 21 की स्वतंत्रता है निष्प्रभावी नहीं की जा सकती।
Declaration of National Emergency (राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 में वर्णन है कि भारत में अब तक तीन बार राष्ट्रीय आपातकाल (Emergency) की घोषणा की गई है जो इस प्रकार है-
- 1962 में भारत चीन युद्ध के दौरान
- 1971 में भारत और पाकिस्तान युद्ध के दौरान
- 1975 में आंतरिक अशांति के कारण
1975 की आपातकालीन घोषणा अन्य दो घटनाओं से ज्यादा विवादास्पद और चर्चित है। इस आपातकाल की घोषणा तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिफारिश पर की गई थी। इस आपातकाल के दौरान होने वाले चुनाव को रोक दिया गया था तथा तत्कालीन प्रधानमंत्री के विरोधी दल को भी बंदी बना लिया गया था इसके साथ ही प्रेस पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। 1975 का काल अलोकतांत्रिक काल माना जाता है।
तो दोस्तों आज हमने राष्ट्रपति की एक महत्वपूर्ण शक्तियों के बारे में जाना है। अब आगे हम राष्ट्रपति की अन्य दो शक्तियों के बारे में जानेंगे। तब तक आप अपनी तैयारी करते रहिये हम आपके लिए ऐसे ही study से related post लाते रहेंगे और आपका साथ देते रहेंगे।