Fall of the Maurya Empire

Fall of the Maurya Empire | मौर्य साम्राज्य का पतन

मौर्य साम्राज्य का पतन

(Fall of the Maurya Empire)

 

आज हम मौर्य साम्राज्य के पतन के बारे में पढ़ने वाले हैं हम जानेंगे कि किस तरह मौर्य साम्राज्य जैसे एक बड़े साम्राज्य का पतन हो गया और इसके पीछे क्या क्या कारण थे। तो आइए जानते हैं मौर्य साम्राज्य के पतन  कैसे हुआ?

मौर्य साम्राज्य बहुत ही विशाल जाना था इतने बड़े साम्राज्य का विनाश बहुत ही आश्चर्य की बात थी हालांकि इतने बड़े साम्राज्य को संभाल पाना भी मुश्किल था। अशोक की मृत्यु के पश्चात करीब 50 वर्ष के बाद मौर्य साम्राज्य के इस विशाल साम्राज्य का पतन हो गया। इतने बड़े साम्राज्य के पतन के पीछे किसी एक कारण का हाथ नहीं हो सकता है इसके पीछे निम्न कारण उत्तरदायी है – 

 

1. Ineligible Successor (अयोग्य उत्तराधिकारी)

मौर्य साम्राज्य के पतन का सबसे प्रमुख कारण और पहला कारण अयोग्य उत्तराधिकारी हैं। अशोक के उत्तराधिकारियों में कोई भी ऐसा  उत्तराधिकारी नहीं था जो इतने बड़े साम्राज्य को चला पाता  अतः  निर्बल शासकों के कारण मौर्य साम्राज्य साम्राज्य का विनाश हो गया। अशोक के पुत्रों ने सिहासन प्राप्त करने के लिए एक दूसरे से संघर्ष किया जिसका नतीजा यह निकला कि सभी उच्च अधिकारी एक-दूसरे में ही व्यस्त रहें  जोकि इस साम्राज्य के लिए अहितकर सिद्ध हुआ। 

 

2. Ashoka’s Policy of Non-Violence (अशोक की अहिंसा नीति)

अशोक द्वारा बनाई गई अहिंसा की नीति को भी मौर्य साम्राज्य के पतन का कारण माना जाता है। माना जाता है कि अशोक ने जो नीति अपनाई उसके द्वारा उसकी सैन्य शक्ति क्षीण हो गई जिसका परिणाम यह हुआ कि सेना को अब युद्ध में कोई दिलचस्पी ना रह गई और वह  उदासीन हो गए।  सैन्य शक्ति के क्षीण होने से युद्ध के समय कठिनाई  झेलनी पड़ती थी तथा अशोक के उत्तराधिकारियों ने भी इसमें बदलाव करने के बारे में नहीं सोचा वह भी सैन्य शक्ति को नहीं बढ़ा सकें।

 

3. Ashoka’s Religious Policy (अशोक की धार्मिक नीति)

अशोक की धार्मिक नीति को भी पतन का कारण माना जाता है। कारण यह था कि अशोक की इस नीति के द्वारा हिंदू धर्म के लोग और ब्राह्मण मौर्य साम्राज्य के शत्रु बन गए। उन्होंने बौद्ध धर्म की उन्नति को देखकर उसका बहिष्कार करना शुरू कर दिया इसके साथ ही उन्होंने बौद्ध धर्म को हितकर नहीं माना  तथा उसका पतन करने के लिए उन्होंने पुष्यमित्र की  सहायता भी की।

 

4. Court Conspiracies (दरबार के षड्यंत्र)

पतन के कारणों में दरबार के षड्यंत्र को भी महत्वपूर्ण माना जाता है। अशोक के पुत्रों में साम्राज्य की गद्दी को लेकर के सदैव संघर्ष चलते रहते थे जिसके चलते उनके पुत्रों में परस्पर षड्यंत्र होते रहते थे। अशोक की मृत्यु के बाद दरबार सेनापति और प्रधानमंत्री के बीच दो दलों में बट गया था। यह दल बंदी साम्राज्य के लिए घातक सिद्ध हुई इसके साथ ही युवराजो के बीच चलते संघर्ष के कारण अशोक की रानी तिष्यरक्षिता  ने षड्यंत्र रचके युवराज कुणाल को अंधा करवा दिया था इसी प्रकार षड्यंत्र के द्वारा ही सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने आखिरी  सम्राट बृहद्रथ  की हत्या कर स्वयं सम्राट बन गया था। 

 

5. Yawning Attack (यवनों का आक्रमण)

यवनों का आक्रमण भी मौर्य साम्राज्य के पतन का कारण है मौर्य साम्राज्य की सैनिक शक्ति को क्षीण होते देखकर वैक्ट्रिया के यवनों ने लाभ उठाकर मगध राज्य के पश्चिमोत्तर भाग पर आक्रमण कर दिया। मौर्य साम्राज्य की शक्ति कम हो जाने के कारण यवनों द्वारा पश्चिमोत्तर भाग पर अधिकार कर लिया गया उनके पश्चिम भाग पर अधिकार कर लेने से मौर्य साम्राज्य का पतन प्रारंभ हो गया। 

 

6. Autocracy of State Employees (राज कर्मचारियों की निरंकुशता)

मौर्य समाज की केंद्रीय शक्ति के कम हो जाने अर्थात निर्बल हो जाने के कारण राजकीय कर्मचारियों ने निरंकुशता की नीति अपना ली। राज कर्मचारी अब लोगों पर अत्याचार करने लगे तथा जनता के साथ निरंकुश होकर व्यवहार करने लगे जिस कारण जनता ने राज के प्रति विद्रोह कर दिया। बिंदुसार के समय में तक्षशिला की जनता ने राजा के अत्याचार से परेशान होकर विद्रोह कर दिया था। 

 

तो दोस्तों आज हमने मौर्य साम्राज्य के पतन के बारे में जाना है अब आगे हम गुप्त काल के बारे में जानेंगे। तब तक के लिए आप अपनी तैयारी करते रहे हम आपका साथ देते रहेंगे और study से related post लाते रहेंगे।

 

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