Powers and Functions of the President | राष्ट्रपति की शक्तियां एवं कार्य – Hindi
राष्ट्रपति की शक्तियां एवं कार्य
(Powers and Functions of the President)
आज हम राष्ट्रपति की शक्तियों के बारे में बात करेंगे हम जानेंगे कि उसके पास कौन सी शक्तियां हैं और वह क्या-क्या कार्य करता हैं यानी वह अपनी शक्तियों का कैसे इस्तेमाल करता है।
President’s Powers (राष्ट्रपति की शक्तियां )
राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है। वह देश का प्रमुख व्यक्ति होता है। वह देश की तीनों सेना यानी जल, थल और वायु तीनों का प्रधान सेनापति होता है और उनका संचालन करता है। देश में किए जाने वाले सभी महत्वपूर्ण कार्य उसी के नाम से किए जाते हैं और सभी महत्वपूर्ण निर्णय उसी के माने जाते हैं। देश में राष्ट्रपति का पद सबसे सर्वोच्च माना जाता है और उसे सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है अतः ऐसे उच्च पद पर रहकर राष्ट्रपति को बहुत ही जरूरी और महत्वपूर्ण कार्य करने पड़ते हैं।
इन कार्यों को करने के लिए राष्ट्रपति को कुछ महत्वपूर्ण शक्तियां दी जाती है ताकि वह अपने कर्तव्य और दायित्व का सही से पालन कर सकें। देश में राष्ट्रपति को जो शक्तियां प्रदान की जाती हैं वह शक्ति अन्य किसी को भी नहीं दी जा सकती।
अनुच्छेद 53 कहता है कि संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी और वह अपने इस शक्ति का प्रयोग संविधान के अनुसार स्वयं या फिर अपने अधीनस्थ अधिकारी के द्वारा करेगा। इस बात से यह पता चलता है कि कार्यपालिका शक्ति पूर्ण रूप से राष्ट्रपति में ही होती है और किए जाने वाले सभी कार्य और सभी महत्वपूर्ण निर्णय उसके ही होते हैं भले ही यह कार्य किसी और के द्वारा किए जाए।
राष्ट्रपति को बहुत सारे महत्वपूर्ण कार्य करने होते हैं अतः उनकी शक्तियों को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है। यह दो भाग इस प्रकार हैं-
सामान्यकालीन शक्तियां (General Powers)
संकटकालीन शक्तियां (Emergency Powers)
General Powers (सामान्यकालीन शक्तियां)
इसके अंतर्गत राष्ट्रपति को कई शक्तियां दी गई है जिसके द्वारा उन्हें कुछ महत्वपूर्ण है कार्य करने होते हैं करने होते हैं अतः उनके कार्यों को निम्न भागों में विभाजित किया गया है।
कार्यपालिका शक्ति (Executive Power)
विधायिका शक्ति (Legislative Power)
वित्तीय शक्ति (Financial Power)
सैन्य शक्ति (Military Power)
न्यायिक शक्ति (Judicial Power)
Executive Power (कार्यपालिका शक्ति)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 53 के अनुसार कहा गया है कि संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी वह शक्ति का प्रयोग संविधान के अनुसार स्वयं या अपने अधीनस्थ पदाअधिकारी द्वारा करेगा। इस प्रकार शासन के समक्ष कार्य उसी के नाम से ही होते हैं और सभी महत्वपूर्ण निर्णय उनके ही माने जाते हैं।
राष्ट्रपति को कार्यपालिका संबंधी कार्यों के बारे में सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री का यह कर्तव्य होता है कि वह मंत्रीपरिषद के सभी निर्णय को राष्ट्रपति तक पहुंचाएं और राष्ट्रपति द्वारा दिए गए निर्णय को मंत्रिपरिषद तक पहुंचाएं। प्रशासनिक क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रपति को कल शक्तियां दी गई हैं-
1. Appointment of Important Office Bearers (महत्वपूर्ण पदाधिकारियों की नियुक्ति)
राष्ट्रपति देश के प्रमुख पदाधिकारियों जैसे राज्यपाल, उपराष्ट्रपति ,सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, अन्य न्यायाधीश, महान्यायवादी, महालेखा परीक्षक, प्रधानमंत्री तथा प्रधानमंत्री की सलाह पर अन्य मंत्रि, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं उसके सदस्य तथा विदेशों में राजदूत आदि की नियुक्ति करता है। इसके साथ ही राष्ट्रपति को मंत्रियों, राज्यपालों, महान्यायवादी, सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों एवं लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों को पद से हटाने की भी शक्ति है।
2. Making Important Rules (महत्वपूर्ण नियमों का निर्माण)
राष्ट्रपति को देश के हित के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों का निर्माण करने की भी सकती है। राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठकों को बुलाता है। वह सर्वोच्च न्यायालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति, नियंत्रक व महालेखा परीक्षक की शक्तियों तथा संघीय लोक सेवा आयोग के सदस्यों की संख्या का निर्धारण करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर नियम बनाने का कार्य करता है।
3. Control Over Foreign Affairs (विदेशी मामलों पर नियंत्रण)
राष्ट्रपति संपूर्ण देश का प्रधान होता है। वह देश का सर्वोच्च होता है वह अपने देश के सभी विदेशी मामलों पर नियंत्रण रखता है एवं उसका प्रतिनिधित्व करता है। राष्ट्रपति देश के साथ विदेशी संबंधित निर्धारित करने के लिए और बनाए रखने के लिए विदेशों में राजपूतों को नियुक्त करता है और उन पर नियंत्रण रखता है। यह राजदूत राष्ट्रपति को विदेशी मामलों की जानकारी देते रहते हैं। विदेशों से किए जाने वाली सभी संधिया और समझौते राष्ट्रपति के नाम से ही किए जाते हैं यद्यपि इन समझौते के संबंध में संसद से पुष्टि आवश्यक है।
Legislative Power (विधायिका शक्ति)
राष्ट्रपति देश का वैधानिक प्रधान होता है अतः उसे कुछ महत्वपूर्ण विधाई शक्तियां प्रदान की गई है।
1. Parliamentary work (संसद संबंधी कार्य)
राष्ट्रपति को संसद के संचालन संबंधी कुछ महत्वपूर्ण कार्य करने होते हैं यह कार्य इस प्रकार है-
- राष्ट्रपति संसद का अधिवेशन बुलाता है और इस अधिवेशन की समाप्ति की घोषणा करता है।
- वह लोकसभा को अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही बन कर सकता है।
- संसद का अधिवेशन शुरू होने पर दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में भाषण देता है। उसे महत्वपूर्ण अवसरों पर भी संसद की बैठकों में भाषण देने का अधिकार है।
2. Powers to Nominate Members(सदस्यों को मनोनीत करने संबंधी शक्तियां)
राष्ट्रपति को राज्यसभा के 12 सदस्यों को मनोनीत करने की शक्ति दी गई है। यह 12 व्यक्ति ऐसे होते हैं जिन्होंने कला, विज्ञान तथा साहित्य आदि के क्षेत्र में विशेष सेवा की हो। राष्ट्रपति लोकसभा के दो आंग्ल भारतीय सदस्यों को भी माननीय करता है।
नोट:- लोकसभा के दो आंग्ल भारतीय सदस्यों को मनोनीत करने का प्रावधान 104वें संविधान संशोधन अधिनियम 2019 के द्वारा केवल 2020 मैं समाप्त कर दिया गया है।
3. Power to Exercise Prohibition on Bills (विधेयकों पर निषेधाधिकार प्रयोग की शक्ति (अनुच्छेद 111)
कानून बनने के लिए किसी भी विधेयक पर राष्ट्रपति की स्वीकृति अनिवार्य होती है। जब संसद कोई कानून बनाना चाहती है तो वह संसद द्वारा पारित होने के बाद स्वीकृत होने के लिए राष्ट्रपति के सामने प्रस्तुत किया जाता है इस समय राष्ट्रपति अपनी इच्छानुसार विधेयक को स्वीकृत या अस्वीकृत कर सकता हैं।
साधारण विधेयक के मामले में राष्ट्रपति संसद को विधेयक पर विचार करने के लिए कई सुझाव देते हुए लौटा सकता है परंतु यदि यह विधेयक संसद द्वारा पुन: संशोधन या बिना संशोधन के दुबारा पारित कर दिया जाता है तो ऐसे में राष्ट्रपति को उस विधेयक पर अपनी स्वीकृति देना अनिवार्य है। राष्ट्रपति इस बार विधेयक को अस्वीकार नहीं कर सकता।
4. Power of President to Issue Ordinances (राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति ( अनुच्छेद 123)
जिस समय संसद का अधिवेशन ना हो रहा हो या जब संसद का कोई भी सदन सत्र में उपस्थित ना हो उस समय राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने का अधिकार दिया गया है। यह अध्यादेश संसद का अधिवेशन शुरू होने के 6 माह तक लागू रहेगा। संसद चाहे तो इस अवधि से पूर्व भी अध्यादेश को समाप्त कर सकती हैं।
Financial Power (वित्तीय शक्तियां )
राष्ट्रपति को वित्तीय क्षेत्र में भी शक्तियां प्रदान की गई है। राष्ट्रपति प्रत्येक वर्ष के प्रारंभ में संसद के दोनों सदनों के सामने उस वर्ष की आय और व्यय का विवरण प्रस्तुत करता है। कोई भी धन विधेयक अथवा वित्त विधेयक राष्ट्रपति की अनुमति के बिना लोकसभा में प्रस्तावित नहीं की जा सकती।
संविधान के अनुच्छेद 267 के अंतर्गत यह प्रावधान है कि भारत की आकस्मिकता निधि (Contingency Fund of India) पर राष्ट्रपति का ही नियंत्रण होता है।
Military Power (सैन्य शक्ति)
राष्ट्रपति को सैनिक क्षेत्र में भी कई शक्ति प्रदान की गई हैं। राष्ट्रपति देश का प्रधान होता है इसके साथ ही वह देश की तीनों सेना जल, थल और वायु तीनों का ही प्रधान सेनापति होता है तथा उनका संचालन करता है।
परंतु प्रावधान यह है कि राष्ट्रपति को प्राप्त सैन्य शक्ति का प्रयोग वह कानून के अनुसार ही कर सकता है अर्थात सेनाओं, युद्ध और शांति आदि के संबंध में कानून बनाने का अधिकार संसद को प्राप्त है भारत का राष्ट्रपति संसद की स्वीकृति लिए बगैर न तो युद्ध की घोषणा कर सकता है और न ही सेना का प्रयोग कर सकता हैं।
Judicial Power (न्यायिक शक्ति)
राष्ट्रपति को न्याय के क्षेत्र में भी कई अधिकार प्रदान किए गए हैं। राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति करता है इसके साथ ही अनुच्छेद 72 के द्वारा राष्ट्रपति को दंड प्राप्त व्यक्ति को क्षमा प्रदान करने या दंड को कुछ समय के लिए स्थगित करने तथा दंड में बदलाव करने का अधिकार दिया गया है।
परंतु राष्ट्रपति इन अधिकारों का प्रयोग केवल तीन प्रकार के दंड पर ही कर सकता है-
1. जब दंड किसी सैनिक न्यायालय द्वारा दिया गया हो।
2. अगर किसी व्यक्ति को मृत्युदंड दिया गया हो।
3. यदि द डे ऐसे मामले में दिया गया वह जो कि केंद्रीय कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत हो।
इसके साथ ही राष्ट्रपति को अनुच्छेद 143 के द्वारा उच्च न्यायालय से सार्वजनिक हित के मामले में परामर्श प्राप्त करने का भी अधिकार है। न्यायालय द्वारा दिए गए परामर्श को मानना या न मानना राष्ट्रपति की इच्छा पर है।
तो आज हमने राष्ट्रपति की सामान्यकालीन शक्तियों के बारे में जाना। अब हम राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों के बारे में जानेंगे, तब तक आप इसे पढ़ते रहें और अपना ज्ञान बढ़ाते रहें। हम आपके लिए ऐसे ही study से related articles लाते रहेंगे।